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सिद्धिं ददाति सा तुष्टा कृत्वा कवचमुत्तमम् ।

ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥

श्रुणुयाद् वा प्रयत्नेन सदाऽऽनन्दमयो भवेत् ॥ १॥

ॐ ह्रीं प्राणापानौ समानं च उदानं व्यानमेव च ।

ಓಂ ಶಿರೋ ಮೇ ಭೈರವಃ ಪಾತು ಲಲಾಟಂ ಭೀಷಣಸ್ತಥಾ

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

सर्वपापक्षयं याति ग्रहणे भक्तवत्सले ॥ १२॥

ॐ सहस्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः।

ಲಾಕಿನೀಪುತ್ರಕಃ ಪಾತು ಪಶೂನಶ್ವಾನಜಾಂಸ್ತಥಾ

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ಜಲೇ ತತ್ಪುರುಷಃ ಪಾತು ಸ್ಥಲೇ ಪಾತು ಗುರುಃ ಸದಾ

भगवान शिव ने पांच साल के बच्चे का अवतार धारण किया जिसे बटुक भैरव कहा जाता है।

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर here रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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